ETV Bharat / state

बिकरू कांड में विकास दुबे के साथी प्रभात के एनकाउंटर पर NHRC ने मांगी रिपोर्ट - Report sought of Prabhat encounter

कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मांगी है, जिसके लिए डायरेक्टर जनरल इन्वेस्टिगेशन को चार हफ्ते का समय दिया गया है.

प्रभात के एनकाउंटर की मांगी रिपोर्ट
प्रभात के एनकाउंटर की मांगी रिपोर्ट
author img

By

Published : Dec 2, 2022, 10:00 AM IST

Updated : Dec 2, 2022, 10:21 AM IST

वाराणसी: कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के एनकाउंटर के दो साल पुराने प्रकरण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने यूपी के पुलिस-प्रशासन की रिपोर्ट की जांच और परीक्षण करने का आदेश डायरेक्टर जनरल इन्वेस्टिगेशन (director general investigation) को दिया है. साथ ही चार हफ्ते में इसकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी जारी किए है.

दरअसल, कानपुर के बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे के अलावा उसके शागिर्दों में शामिल प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय जुलाई 2020 में मारा गया था. इसे लेकर वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी के अनुसार, विकास दुबे की गैंग का अपराधी बताकर प्रभात मिश्रा 16 वर्षीय नाबालिग का एनकाउंटर कानपुर में किया गया था. पुलिस का कहना था कि प्रभात हथकड़ी पहन कर भाग रहा था, जबकि प्रभात को पुलिस ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था.

एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी के अनुसार, पुलिस के द्वारा डीके बसु और जोगिंदर कुमार के केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया था. एडवोकेट की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के डीजीपी, कानपुर के डीएम-एसएसपी से पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बैलिस्टिक रिपोर्ट और इंक्वेस्ट रिपोर्ट तलब की थी. आयोग के आदेश के क्रम में उतर प्रदेश सरकार द्वारा सभी रिपोर्ट भेजी गई थी. एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी ने बताया कि मानवाधिकार आयोग ने सभी रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद पूरे एनकाउंटर की जांच और परीक्षण अपने डायरेक्टर जनरल इन्वेस्टिगेशन से कराने का आदेश पारित किया है. साथ ही चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है.

यह भी पढे़ं- यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023 से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिलेगी संजीवनी, विदेशी निवेश से होगा कायाकल्प

वाराणसी: कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय के एनकाउंटर के दो साल पुराने प्रकरण में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने यूपी के पुलिस-प्रशासन की रिपोर्ट की जांच और परीक्षण करने का आदेश डायरेक्टर जनरल इन्वेस्टिगेशन (director general investigation) को दिया है. साथ ही चार हफ्ते में इसकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी जारी किए है.

दरअसल, कानपुर के बिकरू कांड के बाद पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे के अलावा उसके शागिर्दों में शामिल प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय जुलाई 2020 में मारा गया था. इसे लेकर वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी के अनुसार, विकास दुबे की गैंग का अपराधी बताकर प्रभात मिश्रा 16 वर्षीय नाबालिग का एनकाउंटर कानपुर में किया गया था. पुलिस का कहना था कि प्रभात हथकड़ी पहन कर भाग रहा था, जबकि प्रभात को पुलिस ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था.

एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी के अनुसार, पुलिस के द्वारा डीके बसु और जोगिंदर कुमार के केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया था. एडवोकेट की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश के डीजीपी, कानपुर के डीएम-एसएसपी से पोस्टमार्टम रिपोर्ट, बैलिस्टिक रिपोर्ट और इंक्वेस्ट रिपोर्ट तलब की थी. आयोग के आदेश के क्रम में उतर प्रदेश सरकार द्वारा सभी रिपोर्ट भेजी गई थी. एडवोकेट अंशुमान त्रिपाठी ने बताया कि मानवाधिकार आयोग ने सभी रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद पूरे एनकाउंटर की जांच और परीक्षण अपने डायरेक्टर जनरल इन्वेस्टिगेशन से कराने का आदेश पारित किया है. साथ ही चार हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है.

यह भी पढे़ं- यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2023 से टेक्सटाइल इंडस्ट्री को मिलेगी संजीवनी, विदेशी निवेश से होगा कायाकल्प

Last Updated : Dec 2, 2022, 10:21 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.